वक्त की साज़िश।।।।।

वक्त की साज़िश में फिर घिरे हैं हम।।।।
अंधेरों से फिर मिलें है हम।।।।
ख्वाहिशों के अंजान शहर में,,,
किनारे की तलाश में,,,,,
जिंदगी की कश्ती में डोल रहे हैं हम।।।।
फिर वक्त की साज़िश में घिरे हैं हम।।।।

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During the school day.😍😅🤣😆,,,,,